Hello दोस्तो आज आपके लिए maa par kavitae / poetry लेके आए है। जिसमे बहात्रिन बहात्रिन hindi kavitae है। मां पर sailesh Lodha ki famous poetry भी लेके आए है ।
Maa सबसे पवित्र word है। मां पर कविता हिन्दी मे post में आपको maa ki kavitayen hindi me, कुछ खास collection है। इसमें आपको maa se संबंधित अच्छी अच्छी ma ki kavita मिलेगी। हमारे यहां मां को बहुत बड़ा माना गया है उसी के हिसाब से उसको जीवन
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माँ की परिभाषा कविता / Maa Ki Pribhaasha kavita
हम एक शब्द है तो वह पूरी भाषा है
हम कुठित हुआ तो वह एक अभिलाषा है
बस यही मां की परिभाषा है
हम समुंदर का है तेज तो वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम एक शूल है तो वह सहस्त्र ढाल प्रखर,।
हम दुनिया के है अंग, वह उसकी अनुक्रमणिका है
हम पत्थर की है संग वह कंचन की क्रनिका है
हम बकवास है वह भाषण है हम सरकार है वह शासन है
हम लव कुश हैं वह सीता है हम छंद है वह कविता है,
हम राजा है वह राज है हम मस्तक है वह ताज है ,
वही सरस्वती का उद्राम है रांचड़ी और नासा है
हम वह शब्द है तो वह पूरी भाषा है
बस यही मां की परिभाषा है ..!!
Shailesh Lodha
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प्यारी माँ कविता Pyari Maa par kavitae
प्यारी जग में न्यारी मां,
खुशियां देती सारी मां,
चलना हम सिखाती मां
मंजिल हमे दिखाती मां,
सबसे मीठा बोल है मां
दुनिया में अनमोल है मां,
खाना हमे खिलाती है मां,
लोरी गाकर सुलाती है मां,
प्यारी जग में न्यारी मां,
खुशियां देती सारी मां,
बहुत याद आती मां / maa par kavitae
बहुत याद आती है माँ,
मैं हूं कौन बताया था माँ ने.
मुझे पहला कलमा पढ़ाया था माँ ने.
वो यह चाहती थी कि मै सिख जाऊ.
वो हाथो से खिलाती थी मुझ को,
कभी लोरिया भी सुनाती थी मुझ को.
वह नन्हे से पैर चलाती थी मुझको,
कभी दूर जाकर बुलाती थी मुझको.
मेरा लड़खड़ाकर पहलू में गिरना,
उठाकर गले से लगाती थी मुझको.
कि चलना सिखाती है माँ,
बहुत याद आती है माँ.
Maa ki Bhavanan Hindi Poem
Maa par kavitae
मेने मां को है जाना, जब से दुनिया है देखी
प्यार मां का पहचाना जब से उंगली है थामी,
त्याग की भावना जो है मां के भीतर,
प्यार उससे भी गहरा जीतना गहरा समंदर,
अटल विश्वास मां का मां की ममता डोरी,
मां के आंचल की छाव, मां की मुस्कान प्यारी,
मां ही है इस जहा में जो सबसे न्यारी,
सोचती है जो हमारे जीवनकी क्यारी,
मां की आंखों में देखे सपने हजार हमारे वास्ते,
मंजिल बनाई ने अपनी ना मां ने चुने अपने रास्ते,
डगमग्ये कदम जो तो है थम लेती,
गर हो जाऊ उदास तो मां प्यार देती,
मेरे लिए वह करती अपनी खुशियां कुर्बान
गम के सैलाब में भी बिखेरती है मुस्कान,
वो सिमटी थी घर तक रखती थी सब का मान,
हर कमी को पूरा करने में जिसने लगा रखी है जान,
वजूद मां का और मां ही पहचान
रखना मां के लिए सदा दिल में सम्मान,
Maa पर कविता in hindi |
( Hindi Kavita on mother )
मैं कभी छोटे मुख कैसे करू तेरा गुणगान,
मां तेरी क्षमता में फीका सा लगता है भगवान,
माता कौशल्या के घर में जन्म राम ने पाया,
ठुमक ठुमक आंगन में चला कर सबका ह्रदय जुड़ाया,
पुत्र प्रेम में थे निमग्न कौशल्या मां के प्राण,
मां तेरी समता में फीका सा लगता भगवान,
दे मातृत्व देवकी को यसुदा की गोद सुहाई
ले लकुटी बन बन भटके गोचरण कियो कन्हाई
सारे ब्रजमंडल में गुजी थी बंशी की तान,
मां तेरी समता में फीका सा लगता है भगवान,।
तेरी समता में तू ही है मिले ना उपमा कोई,
तू न कभी सूत से रूठी मृदुता अमित समोई
लाड प्यार से सदा सिखाया तूने सच्चा ज्ञान,
मां तेरी समता में फीका सा लगता भगवान
कभी न विचलित हुई रही सेवा में भूखी प्यासी,
समझ पुत्र को रूग्ण मनौती मानी रही उपासि
प्रेमामृत नित पीला पिलाकर किया सतत कल्याण,
मां तेरी समता में फीका सा लगता भगवान।।।
विकल न होने दिया पुत्र को कभी न हिम्मत हारी
सदय अदालत है सूत हित में सुख दुख में महतारी
कांटों पर चलकर भी भी तूने दिया अभय का दान,
मां तेरी समता में फीका सा लगता भगवान।।
— जगदीश प्रसाद
हम्मे उम्मीद है आपको हमारी मां पर हिंदी में poem बहुत पसंद आई होगी। हमे इससे तरह के लेख और शायरी लेके आते रहते है। आप हमारे site पर और भी शायरी और लेख पढ़ सकते ही।