Best Hindi ghazal In Hindi 2023

आपने hindi shayari तो बहुत सारी पड़ी होगी लेकिन आपके इसी hindi ghazal नही पढ़ी होगी जो आपको अपनी कहानी से जोड़ देगी । Hindi ghazal को पढ़ना पसंद करते है तो आपको इसमें बहुत सारा best ghazal है ।

अगर आप Love, Sad hindi ghazal search कर रहे हैं तो आप सही site पर आएं हो । यहां आपको सभी तरह की hindi ghazal, love, sad, आदि मिल गया ।

 

Sad Hindi ghazal

 

बिछड़े कर फिर मिले जो हाल पूछेंगे

मेरे बिना कैसे गुजरे साल पूछेंगे

 

नहीं मुझ सा कोई आशिक जमाने में

मुझे मालूम है फिलहाल पूछेंगे

 

अदालत में है ये पैसा वकीलों का

सवालों से ही हाल ओ चल पूछेंगे

 

यही रास्ता अगर संसद भवन का है

चलाए कब तलक हड़ताल पूछेंगे ।।

दीपक दुबे

 

Other links

Hindi shayari in hindi 2023 

Best Ishq Bagawat shayari 

Sad Poetry कविता हिंदी में 

Hindi ghazal

Badte chalo hindi ghazal

 

मयूसियो के दायरे बड़ते चले गए

ये हाथ टूटी टहनी पकड़ते चले गए

 

किस्मत का लिखा कौन मीठा पाया है बोलो

हाथो की लाकियो से हम लड़ते चले गए

 

फिर से नए सफर में मुसाफिर निकल गया

ख्वाबों के खेमे जड़ से उखड़ते चले गए ।।

 

जब भी मिले तो हम ने गले से लगा लिया

दुनिया के पैंतरे हमे जकड़ने चले गए ।।

 

उन के दिलों में खोट भरी थी कगार तक

हम उन का भोला चेहरा पड़ते चले गए ।।

 

 

Jab kabhi Dil se hindi ghazal

 

 

 

जब कभी दिल से दिल मिलता है

हाथ में तब गुलाब मिलता है

 

मुस्कराहट सजाती चेहरा

प्यार तब वे हिसाब मिलता है ।।

 

जुल्फ से खेलती है उंगलियां

चांद भी बे नकाब मिलता है ।।

 

झुकी नजर इशारे करती है

खामोशी में जवाब मिलता है ।।

 

जमाना उंगलियां उठाता है

सीने में इंकलाब मिलता है ।।

 

 

Uda le jaunga Hindi ghazal ( kumar vishwas hindi ghazal)

 

 

मैं तो झुका हूं हवाओ का उड़ा ले जाऊंगा

जागते रहना तुझे तुझे चुरा ले जाऊंगा

 

हो के कदमों पे निछावर फूल ने बूट से कहा

खाक में मिलाकर भी मैं खुशबू बचा ले जाऊंगा

 

कौन सी शाय मुझको पहुचाएंगी तेरे शहर ,

ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊंगा ।।

 

कोशिश मिटते मिटने की भले हो कामयाब

मिटते मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊंगा ।।

 

शोहरत जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गए

सब यहां रह जायेगी मैं साथ क्या ले जाऊंगा ।।

 

Dr. Kumar Vishwas

 

 

इरादा था हिन्दी ग़ज़ल

 

 

इरादा था की में कुछ देर तुफा का मजा लेता

मगर बेचारे दरिया को उतर जाने की जल्दी थी

 

में अपनी मुठिया मैं कैद कर लेता जमीनों को

मगर मेरे काबिले को बिखर जाने की जल्दी थी

 

में आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता

यहां हर एक मौसम को गुजर जाने को जल्दी थी। ।

 

वो शाखों से जुड़ा होते हुए पत्तों से हस्ते थे

बड़े जिंदा नजर थे जिनको मार जाने को जल्दी थी

 

में साबित किस तरह करता की हर आइना झूठा है

कोई कमजर्फ चेहरे को उतर जाने की जल्दी थी ।।

 

 

कोई आसू को कागज hindi Ghazal

 

 

 

कोई आसू को कागज भिगो जायेगा

मीर जैसा कोई शेर हो जायेगा

 

एक मिसरा हूं मैं एक मिसरा हो तुम

दोनो मिल जाए तो शेर हो जायेगा ।।

 

घर पहुंच के खुशी तो मिलेगी मगर

घर पहुंच कर सफर खत्म हो जाएगा ।।

 

वो तब्बासुम जो रुखसत करेगा तुझे

मेरी पलकों में मोटी पिरो जायेगा ।।

 

 

 

Badalta Hua Mausam hindi ghazal

 

 

बदलता हुआ मौसम है मेरे दिल के बारा का

जब दिल में हो अंधेरा क्या करे चराग का

 

सुर ताल को गए मेरे जाने अब किस गली

अब मंच पर गायन नही कल्याण रंग का

 

मुझ को लपेट लेगी ये विरह की अंधिया

पर अंत नहीं होगा मेरे दिल की आग का ।।

 

मेरे दिल को न बहाओगे न सवाल तुम करो

एक तरफा फैसला है जीवन के भाग का

 

तुम पे ना कोई तोहमत इल्जाम न कोई

क्यों हो रहा है चर्चा मेरे अंचल के दंग का। ।।

 

 

 

 

Kisi Ne kya khoob likha hindi ghazal

 

 

किसी ने क्या खूब लिखा है

मुझे बस तेरा वो साथ चाहिए

 

माना मेरी जिंदगी की शुरुआत तुझे नही हुई

पर इसके आखिरी पल तक मुझे तुम्हारा साथ चाहिए

 

तेरे कंधे पर सर रख कर जो मेरे चेहरे पे मुस्कान आती है

मुझे हीरे मोती नही बस मेरी वो मुस्कान चाहिए ।।

 

साज शिनगर क्या सजाएंगे मुझे साथ सज जाती है

मेरी रूह भी मुझे बस तेरा वो साथ चाहिए ।।

 

यूं जब एक लम्हों मुस्करा कर देखते हो तुम मुझे मिल

जाता है मुझे जहां मुझे बस हमारा वो जहा चाहिए ।

 

दिन महीने सालों में हिसाब। नही आता मुझे मुझे तो बस

हर पल ने तेरा साथ चाहिए ।।

 

 

Tere rishte ki baat hui / Tere Rishte Ki BAAT

 

 

तेरे रिश्ते की बात हुई

यहां अश्कों की बरसात हुई

 

वहां फैली रुपहली चमक धमक

यहां शाम से पहले रात हुई

 

सब गौर करे हालत पे मेरी

आशिक की जंग में मात हुई

 

बारात गली तक आ पहुंची

बदल से मेरी मुलाकात हुई

 

मेरे शहर में चर्चे होने लगे

मेरी कितनी औकात हुई ।।

 

जा डूबे सारे मंसूबे

एक अजब यहां वारदात हुई ।।

 

Naraj hoon hindi ghazal

 

नाराज हूं में जिंदगानी से

परेशा हूं कड़ी निगरानी से

 

इतना मेरा नाता लोगो से

जैसे जागा का रिश्ता पानी से

 

अब शुभचिंतक मिलते है काम

बदकार मिले आसानी से

 

इस घर में चैन का नाम नहीं

लड़ती हूं जब विरानी से ।।

 

इस दिल में उठते बलावले

मांगा था चैन जवानी से

 

अपने को रखना है महफूज

दुनिया की कारिस्तानी से ।।

 

आसरा कोई नही हिंदी ghazal

 

मित्र गई दुनिया हमारी आसरा कोई नही

बात ली खुशियां सभी ने हम बाटता कोई नही

 

बीच अपनी के भी रहकर लग रहा है ये मुझे

अजनबी हूं इस शहर में जनता कोई नही ।।

 

कैसे रिश्तेदार है ये कैसी है ये दोस्ती

दौरे मुस्कील में हमारे काम आता कोई नई ।।

 

चैन दिन को है ना रातों को सुकून पाए है हम

दर्द से फिर भी हमारे आशना कोई नही ।।

 

अपन तो सब हमदर्द हैनौर हमनता भी है मगर

साथ गुरबत में जो दे दे ऐसा मेरा कोई नही

 

मंजिले राहत पर पहुंच किस तरह तूं ही बता

रहगुजर है और में हूं कारवां कोई नही ।।

 

जा के किसको हम सुनाए हाले दिल तू ही बता

सुनने वाला गम की मेरे दस्ता कोई नही ।।

 

गम के साए में है गुजरी उम्र भर ये जिंदगी

दर्द की मेरे खुदाया क्या दावा कोई नही

 

खा रहा है ठोकर जाफर तन्हा परदेश में

रहबरी करने को मेरी रहनुमा कोई नही

 

आपको हमारा पोस्ट hindi ghazal kaisa लगा । आपको अच्छा लगा हो तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है । हमारे लिए को सुझाव हो या शिकायत तो आप हमे बता सकते है । आपको ऐसी शायरी और गजल लिखने का शौक हो तो आप हमे भेज के हमारे साइट पर पब्लिश करा सकते है ।

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.