राहत इंदौरी, भारतीय साहित्य के एक महान शायर थे, जिन्होंने अपनी बेहद गहरी भावनाओं को शब्दों में पिरो दिया। उनकी शायरी ने हर उस दिल को छू लिया है, जो कभी भी इसका सुना। इस लेख में, हम आपको राहत इंदौरी के कुछ प्रसिद्ध शेरों के साथ पेश करेंगे, जो उनकी महानता का प्रमुख प्रतीक हैं।
शायरी 1:
“किसी रोज़ तुम सोचोगे हमें याद करोगे, जब हम चले जाएंगे तुम्हें बिछड़ कर।”
शायरी 2:
“आपकी मुस्कान से रौशन हो जाता ये जहां, वरना तो ये दुनिया एक बेज़ार है।”
शायरी 3:
“हर खुशी से बड़कर एक ग़म की तलाश है, जबसे वो ग़म मिल गया, हमें ग़म की आदत हो गई।”
शायरी 4:
“इश्क के बाज़ार में आया हूँ लेकिन, कुछ खरीद नहीं सकता, कुछ बेच नहीं सकता।”
शायरी 5:
“दिल के जख्मों को जब दरिया समेट लेता है, आँखों में आँसू का सिलसिला बेहता है।”
शायरी 6:
“मोहब्बत के इशारों में वक़्त गुज़र जाता है, दिल के क़रीब आने का इंतज़ार रहता है।”
शायरी 7:
“अपनी हर मुसीबत को मिलकर देखो, क्योंकि वो तुम्हारी ताकद को पहचानती है।”
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शायरी 8:
“जिंदगी की किताब में एक पन्ना है हम, क्या भरपूर पढ़ाई कर पाएंगे, क्या खो देंगे।”
शायरी 9:
“मौत से डर नहीं लगता मुझको, जब तक मैं जिंदगी से हार नहीं मानता।”
शायरी 10:
“किसी के इश्क़ में गिरा हुआ हूँ मैं, मगर अपने दर्द को सिर्फ खुद से बता ही नहीं सकता।”
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FAQ:
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Q: राहत इंदौरी का जन्म कब हुआ था?
- A: राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को हुआ था।
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Q: राहत इंदौरी का शायरी में क्या विशेषता था?
- A: राहत इंदौरी की शायरी में उनकी गहरी भावनाओं और समाज को सत्यापन की भावना थी।
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Q: राहत इंदौरी के शेर कौन-कौनसे प्रसिद्ध हैं?
- A: उनके प्रसिद्ध शेरों में “किसी के इश्क़ में गिरा हुआ हूँ मैं” और “किसी रोज़ तुम सोचोगे हमें याद करोगे” शामिल हैं।
राहत इंदौरी की शायरी ने हमें अपने जीवन की महत्वपूर्ण कटिपय दर्द और सुख की गहराईयों में ले जाती है। उनकी शायरी का सुनना और पढ़ना हमें जीवन के रंग-रूप को समझने में मदद करता है, और हमारे दिल को छू जाता है। इसलिए, राहत इंदौरी के कविताओं का आनंद लें और उनकी महानता को सलाम करें।