हेलो दोस्तों आज हम gulzar ki shayari पढ़ेंगे । जिसे हमने कही बार किसी न किसी जगह जरूर हूं । ये इतनी अच्छा और खास पोस्ट आप एक बार पढ़ोगे तो आप बार बार पढ़ोगे।
इसमें दी गई शायरी सारी orignal aur Gulzar ki shayari है । हूं उम्मीद है आपको ये अच्छा लगेगा और आप इसे पढ़ कर खुश होंगे ।।
Gulzar shayari in Hindi |
Table of Contents
Gulzar ki shayari
दर्द हल्का है सास भरी है
जिए जाने की रस्म जारी है ।।
Dard halka hai sas bhari hai
Jiye jaane ki rasm jari hai ..!!
*******
जमी सा दूसरा कोई सखी कहा होगी
जरा सा बीज उठा ले तो पड़े देगी ।।
Jami sa dusra koi sakhi kaha hogi
Jara sa bich utha le to pade degi ..!!
बिगड़ैल हैं ये यादे,
देर रात को टहलने निकलती हैं।।
Bigadel hai ye yaade
Der raat ko tahalne nikalti hai ..!!
Best Gulzar shayari
मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं। ।
Main diya hoon meri dushmni to andhere se hai ,
Hawa to bevajah hi mere khilaf hai ..!!
मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?
नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।।
Mene dabi aaj me pucha mohabbat karne lagi ho
Najare jhuka kar wo boli !! Bahut !!
******
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।।
Koi puch raha hai mujhse meri zindgi ki kimat
Mujhe yaad aa raha hai tera halke se muskurana..!!
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है।।
Waqt rahta nahi kahi tik kar
Aadat hai is ko bhi aadmi si ..!!
Gulzar shayari on life
आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई।।
Aaina dekh kar tasli hui
Hum ko is ghar me janta hai koi ..!!
*****
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।।
Main har rrat sari khushiyan ko khud se pahle sula deta hoon,
Magar roz subha ye mujhse pahl jag jati hai ..!!
*****
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
*****
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।
*****
Gulzar shayari in hindi
दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा,
इसका शायद कोई हल नहीं हैं।
*****
हम तो अब याद भी नहीं करते,
आप को हिचकी लग गई कैसे?
****
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख के कहीं।
*****
अगर कसमें सब होती
तो सबसे पहले खुदा मारता ।।
Agar kasame sab hoti
To sabse pahle khuda Marta..!!
******
Gulzar ki shayari
वो जो उठाते है किरदार पर उंगलियां
तोहफे में उनको आप आईने दीजिए ।।
Wo Jo uthate hai kiradar par ungaliyan
Tohfe me unko aap aaine didiye ..!!
******
बेशुमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बंद को इस जमीन से
यूं ही नही कोई मोहब्बत में इतना गिर जाता है ।।
Beshoomar mohabbat hogi us barish ki bund ko is jamin se
Yoon hi nahi koi mohabbt me itna gir jata hai ..!!
*******
Two line gulzar shayari
हम अपनों से परखे गए है कुछ गैरों को तरह
हर कोई बदलता ही गया हमे शहरों की तरह ।।
Hum apnaon se parakhe gaye hai, kuch gaiaro ki tarah
Har loi badalta hi gaya hume shahaaron ki tarah ..!!
******
आप के बाद हर घड़ी हमने
आप के साथ ही गुजरी हैं।।
Aap ke baad har ghadi humne
Aap ke sath hi gujaari hai ..!!
******
Gulzar shayari in hindi
वो उम्र काम कर रहा था मेरी
में साल अपने बढ़ा रहा था ।।
Wo umr kam kar raha tha meri
Me sal apne bada raha tha ..!!
*****
तुम्हे जो याद करता हूं, में दुनिया भूल जाता हूं,
तेरी चाहत में अक्सर संभालना भूल जाता हूं ।।
Tujhe ko yaad karta hon, me duniya bhul jata hoon,
Teri chahat me aksar sambhalana bhul jata hoon..!!
******
Gulzar ki shayari in Hindi
कल का हर वाकिफ तुम्हारा था
आज की दस्ता हमारी है ।।
Kal ka har wakif tumhaara tha
Aaj ki dasta hamari hai ..!!
*******
कभी ज़िंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी ज़िंदगी का एक पल नही गुजारता ।।
Kabhi zindgi ek pal me gujar jati hai
Kabhi zindgi ka ek pal nahi gujarta ..!!
*******
Gulzar ki sad shayari
जागना भी काबुल है तेरी यादों में रात भर
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहा ।।
Jagna bhi kabul hai teri yadon me rat bhar
Tere ehsason me Jo sukun hai wo nind me kaha ..!!
******
Two line gulzar shayari
Gulzar shayari in hindi
Gulzar ki shayari in Hindi
Gulzar sahab shayari
Gulzar shayari
Shayari Gulzar
Best gulzar ki shayari
Mohabbat par gulzar shayari
Rishton par gulzar shayari
Gulzar shayari
Gulzar ki shayari
Gulzar famous shayari “तन्हा” shayari
ज़िंदगी यूँ हुयी बसर तन्हा,
काफिला साथ और सफर तन्हा
अपने साये से चौंक जाते हैं,
उम्र गुजरी है इस कदर तन्हा
रात भर बोलते हैं सन्नाटे,
रात काटे कोई किधर तन्हा
दिन गुज़रता नहीं है लोगो में,
रात होती नहीं बसर तन्ह
****
Read more :-
Zakhir khan famous shayari
Gulzar ki kavita : tanha
हमने दरवाज़े तक तो देखा था,
फ़िर न जाने गए किधर तन्हा
चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा
बुझ गई आस छुप गया तारा
थरथराता रहा धुआँ तन्हा
ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं
जिस्म तन्हा है और जाँ तन्हा
हमसफ़र कोई गर मिले भी कभी
दोनों चलते रहें कहाँ तन्हा
जलती-बुझती-सी रोशनी के परे
सिमटा-सिमटा-सा एक मकाँ तन्हा
राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा
*****
“Talaash” gulzar ki kavita
मेरे बदन से आती है आपकी खुश्बू
आप यूँ मेरे आगोश में ना आया कीजे
मैं साँस लूँ तो लगे ये हैं आपकी साँसे
मेरी साँसो में सनम यूं ना समाया कीजे
दिल की धड़कनो पर मेरा इख़्तियार नहीं
दिल की धड़कनो को यूँ ना बढ़ाया कीजे
क्यों रोज आप जाने की बात करती हैं
हर रात हमको सनम यूं ना सताया कीजे
सारी उम्र आप ही को तो चाहा है ‘जय’
पल दो पल के लिए सनम बन जाया कीजे
*****
हमे उम्मीद है आपको हमारी पोस्ट gulzar ki shayari पसंद आई होगी । अगर आपके भी कोई दोस्त या मेंबर जिसको इसी शायरी पढ़ना का शौक रखते है उन्हे ये जरूर सेंड करे जिससे उन्हें भी इसी शायरी पढ़ने का मौका मिले ।