उनकी हर एक शायरी नेचर से जुडी है और वो भी नेचर को बहुत वैल्यू करता है इनका लेखन कार्य बहुत ही अलग है । अगर आप पहली बार आए है तो पढ़ कर जरूर जाए ।
Tehzeeb Hafi
Table of Contents
तहज़ीब हाफी सबसे प्रसिद्ध शायर / Tehzeeb Hafi Shayari
( Read more : - Guljar shayari in hindi )
Tehzeeb Hafi Shayari
तहज़ीब हाफ़ी rekhta
तेरा चुप रहना मेरे ज़ेहन में
क्या बैठ गया ” तहज़ीब हाफी “
तेरा चुप रहना मेरे ज़ेहन में क्या बैठ गया
इतनी आवाजें तुझे दीं कि गला बैठ गया
यूं नहीं है की फकत में ही उसे चाहता हूँ
जो भी उस पेड़ की छाव में गया बैठ गया
Tahzeeb hafi ki shayari in hindi
इतना मीठा वो गुस्से भरा लहज़ा मत पूछ
उस ने जिस जिस को भी जाने का कहा बैठ गया
अपना लड़ना भी मोहबत है तुम्हे इलम नहीं
चीखती तुम रही और मेरा गला बैठ गया
उस की मर्जी वो जिसे पास बैठा ले अपने
इस पे क्या लड़ना फलां मेरी जगह बैठ गया
बात दरियाओ की सूरज की न तेरी है यहाँ
दो कदम जो भी मेरे साथ चला बैठ गया
Tehzeeb hafi shayari in hind
ReaD More
तू तीर है तो मेरे कलेजे के पर हो "तहज़ीब हाफी "
जो तेरे साथ रहते हुए सोगवार हो,
लानत हो ऐसे शख्स पे और बेशुमार हो |
और अब इतनी देर भी न लगा , ये हो न कही
तू आ चूका हो और तेरा इंतेज़ार हो
Ishq par tahzeeb hafi shayari
मैं फूल हूँ तो तेरे बालो में क्यों नहीं हूँ
तू तीर है तो मेरे कलेजे के पर हो
एक आस्तीन चढ़ाने की आदत को छोड़ कर
हाफी तुम आदमी तो बहुत शानदार हो
तू हमें चूमता था “तहज़ीब हाफी”
Tahzeeb hafi shayari in hindi
जहन पर जोर देने से भी याद नहीं आता की हम क्या देखते थे
सिर्फ इतना पता है की हम आम लोगो से बिलकुल जुड़ा देखते थे
तब हमे अपने पुरखो से विरसे में आई हुई बदुआ याद आयी
जब कभी अपनी आँखों के आगे तुझे शहर जाता हुआ देखते थे
Tahzeeb hafi all shayari in hindi
सच बताए तो तेरी मोहबबत ने खुद पर तवज्जों दिलाई हमारी
तु हमे चूमता था तो घर जाकर हम आइना देखते थे
सारा दिन रेत के घर बनते हुए और गिरते हुए बीत जाता
शाम होते ही हम दूरबीनो में अपनी छतो से खुदा देखते थे
उस लड़ाई में दोनों तरफ कुछ सिपाही थे जो नींद में बोलते थे
जंग टलती नहीं थी सिरों से मगर ख्वाब में फखत देखते थे
दोस्त किसको पता है की वक़्त उसकी आँखों से फिर किस तरह पेश आया
हम इकठा थे हस्ते थे एक दूसरे को बड़ा देखते थे |
वो जुल्फ सिर्फ मेरे हाथ से सवरनी है “तहज़ीब हाफी”
Tahzeeb hafi shayari
न नींद और न ख्वाबो से आंख भरनी है
की उस से हम ने तुझे देखने की करनी है
किसी दरख़्त की हिद्त में दिन गुजरना है
किसी चिराग की छाव में रात करनी है
वो फूल और किसी शाख पर नहीं खिलता
वो जुल्फ सिर्फ मेरे हाथ से सवरनी है
तमाम नाखुदा साहिल से दूर हो जाए
समुन्द्रो से अकेले में बात करनी है
हमारे गांव का हर फूल मरने वाला है
अब उस गली से वो खुशबू नहीं गुजरती है
दिया जले -“तहज़ीब हाफी”
Diya jale- tahzeeb hafi shayari
तारीकियों को आग लेंगे और दिया जले
ये रात बैन करती रहे और दिया जले
उसकी जबान में इतने असर है की निशब्द
वो रोशनी की बात करे और दिया जले
तुम चाहते हो की तुमसे बिछड़ के खुश रहूँ
यानि हवा भी चलती रहे दिया जले
क्या मुझको भी अजीज है तुमको लौ
फिर तो मेरा मजार बने दीया जले
सूरज तो मेरी आंख से आगे की चीज़ है
मै चाहता हु शाम ढले और दीया जले |
अगर कभी तेरे नाम पर जंग हो गयी तो “तहज़ीब हाफी”
जंग ho gayi – tahzeeb hafi shayari
उसी जगह पर जहा कई रस्ते मिलेंगे
पलट के आए तो सबसे पहले तुझे मिलेंग
अगर कभी तेरे नाम पर जंग हो गयी तो
हम ऐसे बुजदिल भी पहले साफ में खड़े मिलेंगे
तुझे ये सड़के मेरे तवस्सुत से जानती है
तुझे हमेशा ये सब इशारे खुले मिलेंगे
ये किस तरह का ताल्लुक है “तहज़ीब हाफी”
ये किस तरह का ताल्लुक है आपका मेरे साथ
मुझे ही छोड़ जाने का मश्वरा मेरे साथ
यही कही हमें रास्तो ने बदुआ दी थी
मगर में भूल गया और कौन था मेरे साथ
वो झांकता नहीं खिड़की से दिन निकलता है
तुझे यकीन नहीं रहा तो आ मेरे साथ
कुछ और शायरी तहज़ीब हाफि
यार ये कैसा महबूब है – Tehzeeb Hafi Shayari
घर में भी दिल नहीं लग रहा, काम पर भी नहीं जा रहा
जाने क्या ख़ौफ़ है जो तुझे चूम कर भी नहीं जा रहा।
रात के तीन बजने को हैं, यार ये कैसा महबूब है?
जो गले भी नहीं लग रहा और घर भी नहीं जा रहा।
उसके घर का पता जानते हो – तहज़ीब हाफी
Viral शायरी तहज़ीब हाफि ( tehzeeb hafi shayari )
गली से कोई भी गुज़रे तो चौंक उठता हूँ
नये मकान में खिड़की नहीं बनाऊंगा।
फरेब दे कर तेरा जिस्म जीत लूँ लेकिन
मैं पेड़ काट के कश्ती नहीं बनाऊंगा।
Tehzeeb hafi sher in hindi
अपना ”लड़ना’ भी मोहोब्बत है तुम्हे__इल्म नहीं,
चीखती तुम रही और मेरा #गला बैठ गया।
“Sab thik hai” तहजीब हाफी शेरो शायरी इन हिंदी
साख से पत्ता #गिरे, बारिश रुके, _बादल छटे,
मै ही तो सब_गलत करता हूँ ‘अच्छा’ ठीक है
तहजीब hafi शायरी इन hindi
उस_लड़की से बस इतना रिश्ता है,
मिल जाए तो बात #वगैरह करती है,
Tahzeeb hafi shayari in hindi
हम एक उम्र इसी गम में मुब्तला रहे थे
वो #सान्हे ही नहीं थे जो पेश आ रहे थे।
तहजीब hafi shayari
सच बताएं तो तेरी मोहब्बत ने खुद पर तवज्जो दिलाई हमारी,
तू हमें चूमता था तो घर जाकर हम देर तक आईना देखते थे
Diwana bana dete – hafi shayari
तुझे भी अपने साथ रखता और उसे भी अपना दीवाना बना लेता,
अगर मैं चाहता तो दिल में कोई चोर दरवाज़ा बना लेता।
मैं अपने ख्वाब पूरे कर के खुश हूँ पर ये पछतावा नहीं जाता,
के मुस्तक़बिल बनाने से तो अच्छा था तुझे अपना बना लेता..।
Read More
zakhir khan ki famous shero shayari
Gulzar ko famous shayari
हमे उम्मीद है आपको हमारी पोस्ट tehzeeb hafi Shayari पसंद आई होगी । अगर आप और भी ऐसी शायरी कॉन्टेंट पढ़ना पसंद करते है तो आप हमार साइट पर जाके पढ़ सकते है ।
अगर हमारे लिए कुछ भी सुझाव या शिकायत हो तो आप हमारे पास कमेंट बॉक्स के माध्यम से भेज सकते है । हमे खुशी होगी आपके कॉमेंट का रिप्लाई देने में ।