Table of Contents
Kumar Vishwas Bio in hindi
कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी (वसन्त पंचमी), 1970 को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के पिलखुआ में एक मध्यवर्गी परिवार में हुआ था। उनकी माता श्रीमती रमा शर्मा गृहिणी हैं। वे चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं। कुमार विश्वास की पत्नी का नाम मंजू शर्मा है।
👇Dr Kumar Vishwas Top Shayari Collection 2021 in Hindi Aap हमारी इस Post में पढ़ सकते है 👇
Kumar vishwas |
कुमार विश्वास ने अपना करियर राजस्थान में प्रवक्ता के रूप में 1994 में शुरू किया। आज कुमार विश्वास हिन्दी कविता मंच के सबसे व्यस्ततम कवियों में से एक हैं
राजनीति से रूठे कवि कुमार विश्वास कहते हैं
“सियासत में मेरा खोया या पाया हो नहीं सकता। सृजन का बीज हूँ मिट्टी में जाया हो नहीं सकता।”
उनका कहना है कि ‘राजनीति 10 साल 5 साल लेकिन कविता हजार साल।’
कुमार विश्वास को श्रृंगार रस का कवि माना जाता है। उनके द्वारा लिखा काव्य संग्रह ‘कोई दीवाना कहता है’ युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय रहा।
Tag : Latest Kumar Vishwas Shayari , Top Shayari of Dr Kumar Vishwas , Best Shayari of Dr Kumar Vishwas , Sad Shayari of Kumar Vishwas, Dr Kumar Vishwas Love Shayari, kumar vishwas रणनीति शायरी, rajaniti शायरी,
Kumar Vishwas famous poetry
Kumar Vishwas kavita 2022
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
Koi deewana kahata hai kavita- kumar vishwas
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता !!
भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा!
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा!!
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का!
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा!!
– कुमार विश्वास
कुमार विश्वास की दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं- ‘इक पगली लड़की के बिन’ (1996) और ‘कोई दीवाना कहता है’ (2007 और 2010 दो संस्करण में)।
Tags:
( Kumar Vishwas ki kavita, kumar vishwas ki love story, kumar vishwas ki shayari in hindi, kumar vishwas gajals )
‘इक पगली लड़की के बिन‘
मावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है,
जब दर्द की काली रातों में गम आंसू के संग घुलता है,
जब पिछवाड़े के कमरे में हम निपट अकेले होते हैं,
जब घड़ियाँ टिक-टिक चलती हैं,सब सोते हैं, हम रोते हैं,
जब बार-बार दोहराने से सारी यादें चुक जाती हैं,
जब ऊँच-नीच समझाने में माथे की नस दुःख जाती है,
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है,
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है।
Kumar Vishwas best kavita in hindi
जब पोथे खाली होते है, जब हर्फ़ सवाली होते हैं,
जब गज़लें रास नही आती, अफ़साने गाली होते हैं,
जब बासी फीकी धूप समेटे दिन जल्दी ढल जता है,
जब सूरज का लश्कर छत से गलियों में देर से जाता है
एक Pagal ladki – kumar vishwas
जब जल्दी घर जाने की इच्छा मन ही मन घुट जाती है,
जब कालेज से घर लाने वाली पहली बस छुट जाती है,
जब बेमन से खाना खाने पर माँ गुस्सा हो जाती है,
जब लाख मन करने पर भी पारो पढ़ने आ जाती है,
Kumar Vishwas famous kavita in hindi
जब अपना हर मनचाहा काम कोई लाचारी लगता है,
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है,
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है।
जब कमरे में सन्नाटे की आवाज़ सुनाई देती है,
जब दर्पण में आंखों के नीचे झाई दिखाई देती है,
जब बड़की भाभी कहती हैं, कुछ सेहत का भी ध्यान करो,
क्या लिखते हो दिन भर, कुछ सपनों का भी सम्मान करो
Kumar Vishwas poem
जब बाबा वाली बैठक में कुछ रिश्ते वाले आते हैं,
जब बाबा हमें बुलाते है,हम जाते में घबराते हैं,
जब साड़ी पहने एक लड़की का फोटो लाया जाता है,
जब भाभी हमें मनाती हैं, फोटो दिखलाया जाता है,
जब सारे घर का समझाना हमको फनकारी लगता है,
तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है,
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है।
Kumar Vishwas kavita
दीदी कहती हैं उस पगली लडकी की कुछ औकात नहीं,
उसके दिल में भैया तेरे जैसे प्यारे जज़्बात नहीं,
वो पगली लड़की मेरी खातिर नौ दिन भूखी रहती है,
चुप चुप सारे व्रत करती है, मगर मुझसे कुछ ना कहती है,
जो पगली लडकी कहती है, मैं प्यार तुम्ही से करती हूँ,
लेकिन मैं हूँ मजबूर बहुत, अम्मा-बाबा से डरती हूँ,
उस पगली लड़की पर अपना कुछ भी अधिकार नहीं बाबा,
सब कथा-कहानी-किस्से हैं, कुछ भी तो सार नहीं बाबा,
बस उस पगली लडकी के संग जीना फुलवारी लगता है,
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है।
– कुमार विश्वास
kumar vishwas shayari
खुद को आसान कर रही हो ना
खुद को आसान कर रही हो ना
हम पे एहसान कर रही हो ना
ज़िन्दगी हसरतों की मय्यत है
फिर भी अरमान कर रही हो ना
नींद, सपने, सुकून, उम्मीदें
कितना नुक्सान कर रही हो ना
हम ने समझा है प्यार, पर तुम तो
जान-पहचान कर रही हो ना
ये भी पढ़े 👇👇
Kumar Vishwas Dosti Shayari in Hindi
याद उसे इतना ही करते है
सो हम उस की बुराई करते है ।।
Yaad use itna hi karte hai
So hum us ki burai karte hai ..!!
Dosti par kumar vishwas ki shayari
हम को यारों ने याद भी ना रखा
जॉन यारों के यार थे हम ।।
Hum ko yaron ne yaad bhi na rakha,
Jaun yaaron ke yaar the hum to …!!
Aankhon par kumar vishwas ki shayari
महफिल महफिल मुस्कुराना पड़ता है
खुद ही खुद को समझाना पड़ता है
उनकी आंखों से होकर दिल जाना
रास्ते में ये मैखाना तो पड़ता है ।।
Mahfil mahfil muskurane padta hai
Khud hi khud ko samjhana padta hai
Unki aankhon se hokar dil jana
Raste me ye maikhana padta hai …!!
Hangama kumar vishwas shayari
जब आता है जीवन में खयालातों का हंगामा
हास्य बातों हा जज्बातों मुलाकातों का हंगामा
जवानी के कयामत दौर में ये सोचते है सब
ये हंगामा की राते है या है रातों का हंगामा ।।
Jab aata hai jivan me khayalaton ka hangama
Hasya baton ka jajbato mulakaton ka hangama
Jawani ke kayamat fir me ye sochte hai sab
Ye hangama ki rate hai ya hai raton ka hangama…!!
कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ
किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ
मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो
मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ
Kumar Vishwas sher in hindi
जब बेमन से खाना खाने पर , माँ गुस्सा हो जाती है ,
जब लाख मन करने पर भी , पारो पढने आ जाती है
Kumar Vishwas college shayari
जब जल्दी घर जाने की इच्छा , मन ही मन घुट जाती है ,
जब कॉलेज से घर लाने वाली , पहली बस छुट जाती है
जब कमरे में सन्नाटे की आवाज सुनाई देती है ,
जब दर्पण में आँखों के नीचे झाई दिखाई देती है ,
Kumar Vishwas pyar par shayari
मैं उसका हूँ वो इस एहसास से इनकार करती है
भरी महफ़िल में भी, रुसवा हर बार करती है
यकीं है सारी दुनिया को, खफा है हमसे वो लेकिन
मुझे मालूम है फिर भी मुझी से प्यार करता है
Famous Shayari Of Dr. Kumar Vishwas
वो पगली लड़की नौ दिन मेरे लिए भूखी रहती है ,
छुप -छुप सारे व्रत करती है , पर मुझसे कभी ना कहती है ,
जमाना अपनी समझे पर, मुझे अपनी खबर यह है
तुझे मेरी जरुरत है, मुझे तेरी जरुरत है
राजनिति पर कुमार विश्वास शायरी (Rajaniti par kumar vishwas shayari )
सियासत में मेरा खोया या पाया हो नहीं सकता।
सृजन का बीज हूँ मिट्टी में जाया हो नहीं सकता
मैं तो झोका हूं हवाओ का,उड़ा ले जाऊंगा ।
जागती रहना तुझे तुझको चुरा ले जाऊंगा ।
Iljam shayari kumar vishwas
मेरे जीने मरने में तुम्हारा नाम आएगा।
मैं सास रोक लूं फिर भी,
यही इलजाम आएगा।
Ehsaan shayari kumar vishwas
खुद को आसान कर रही हो ना
हम पे एहसान कर रही हो ना।
जिंदगी हसरतों की मय्यत है
फिर भी अरमान कर रही हो ना।
Khud par shayari kumar vishwas
खुद से दूर है तुम भी
खुद से दूर है हम भी ।
Kumar Vishwas shayari
कौन आया है, कौन आया होगा।
मेरा दरवाजा हवाओ ने बजाया होगा।